युगबोध
क्या ये देश उन्ही का है जो सीमा पर मर जाते है
अपना लहू बहाकर टीका सरहद पर कर जाते है
कोई युद्ध वतन की खातिर सबको लड़ना पड़ता है
संकट की घड़ियों में सबको सैनिक बनना पड़ता है
जो भी कौम वतन की खातिर मरने को तैयार नही
उसकी संतति को आजादी जीने का अधिकार नही
डॉ हरिओम पंवार