संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 1,857 of 15,034 in Wall Photos

सूख रहे हैं कंठ हमारे,
गर्मी की रितु आई।
कुए बाबडी सब रीते हैं,
करो करिश्मा भाई।।

बूंद बूंद से घट भरता है,
यह तो सबने जाना।
पानी तो अनमोल रतन है,
उसे न व्यर्थ गवांना।।

हरे-भरे हों खेत हमारे,
मिले उन्हें जब पानी।
जल ही तो सबका जीवन है,
कहे हमारी नानी।।

पानी से ही आता है,
स्वर्ग धरा पर जानो।
'अखिल'मित्र का है यह कहना,
बात हमारी मानो।।