प्रेम जब अपने पहले पड़ाव में होता है तो ढेर सारे सपने दिखाता है और वो सारे सपने सदैव अधूरे ही रहते हैं, उन सपनो के पूरे होने की चाह एक ऐसे इंतज़ार को जन्म देती है, जो न तो कभी पूर्ण होती है, न ही कभी निराश करती है और ये प्रतीक्षा हमारे सांसों तक हमारे साथ रहती है |