युद्ध के दौरान जैसे ही उस सैनिक नें अपने सबसे प्यारे दोस्त को घायल हो के गिरते देखा वह परेशां हो गया।खाई में बैठे बैठे चलती गोलियों के बीच उसने अपने अधिकारी से पूछा की क्या वो अपने घायल मित्र को वापस लाने के लिए उसके पास जा सकता है।
अधिकारी ने कहा की वो जा सकता है,लेकिन उसे लगता नहीं की जान को जोखिम में डाल के उसे जाना चाहिए,क्योकि शायद उसका दोस्त मर चुका है।
अपने अधिकारी की बात को अनसुना करके वो सैनिक रेंगते हुए अपने मित्र के पास पहुंचा और उसे अपने कंधे पे लाद के वापस खाई में आ गया।
अधिकारी नें उसके जख्म देखे और सैनिक से कहा की "मैंने तुमसे कहा था की जाना बेकार है,तुम्हारा दोस्त मर चुका है और तुम भी बुरी तरह से घायल हो चुके हो।"
"फिर भी मेरा जाना बेकार नहीं गया सर"
क्या मतलब तुम्हारा दोस्त मर चुका है और तुम बुरी तरह से घायल हो फिर भी कह रहे हो कि जाना बेकार नहीं गया।
जी हाँ सर !! क्योकि जब मैं वहां पहुंचा तो वो जिन्दा था,मुझे देखते ही उसके चेहरे पे चमक आ गयी और उसके अंतिम शब्द थे -
"मुझे पता था मेरे दोस्त तुम जरुर आओगे।" ❤️
विचार अवश्य करें और दोस्ती का फर्ज अदा करें