मैं दीप अवश्य जलाऊँगा
एक दीप आशा का
एक विश्वास का
एक ज्ञान का
एक प्रकाश का
एक तम में उजाले का
एक भूखे के निवाले का ,
एक बेसहारे के सहारे का
एक डूबते के किनारे का |
एक जन-जन की वाणी का ,
एक मानव की नादानी का |
स्नेह मानवता को लाऊँगा
हाँ !मैं दीया अवश्य जलाऊँगा ।
आप सब भी एक दीप अवश्य जलाएं और अपने नेटवर्क पर शेयर करें।