संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 2,378 of 15,228 in Wall Photos

यह जो तुम्हारी शैय्या है यह हमारे पलंगों पर ऋण है....
यह जो तुम्हारी निद्रा है, यह हमारी निष्कंटक निद्रा पर ऋण है......
तुम्हारी जो माताएं हैं वह हमारे मातृत्व पर ऋण हैं......
तुम्हारे जो बच्चे होंगे वह हमारे समाज पर ऋण हैं......
कैसे चुकेगा यह ऋण !
कैसे होंगे हम उऋण तुमसे !

- Jyoti Awasthi जी