क्यों करूं दूसरों की मदद? मुझे क्या मिलेगा? मेरी कौन मदद करता है? मैंने ही सबका ठेका लिया है? ऐसी कई बातें बोलने व सुनने में आती हैं, जब दूसरों की मदद करने का सवाल उठता है। भूल जाते हैं कि यह और कुछ नहीं, इस धरती को अपने और दूसरों के रहने के लिए बेहतर बनाने की दिशा में बढ़ाए गए कदम हैं।
इनबुक नेटवर्क का आप सभी से विनम्र निवेदन है कि यथाशक्ति, यथासंभव और यथाशीघ्र अपने आसपास के लोगों तक मदद पहुंचाने के अभियान से जुड़े।