वर्तमान भारत में जब बड़े बड़े नामचीन संत के नाम को बदनाम करते ढोंगी जुर्म और निंदनीय कृत्यों से धर्म को शर्मसार करने का निंदनीय कृत्य कर थानों कोर्ट की दहलीज लांघ जेलों में सजा भुगत रहे हैं
(संत यदि इन स्थानों की दहलीज जुर्म के आरोप में भी लांघे तो वो संत नही.. ऐसा मेरा मानना है)
तब इन देवात्मा पूज्य ग्रहस्थ संत देव प्रभाकर शास्त्री (दद्दा जी) ने पूरे भारत के अलग अलग राज्यों में धार्मिक आयोजनों में मनुष्य को ईश्वरीय शक्ति से साक्षात्कार कराया और नेकी का पथ प्रशस्त किया धर्म की प्रभावना की (आप यकीनन देवात्मा थे)
आज पूज्य संत श्री ब्रह्मलीन हो गए सुनकर बहुत दुख हुआ आपके दर्शन एक बार भिंड में आयोजित आपके ही द्वारा कराए गए अनुष्ठान सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण में किये अद्भुत तेज और संतुष्टि के भाव से मुस्कुराती आपकी छवि सदैव मेरे दिल में जीवंत रहेगी
आप ईश्वर के दूत थे आपके सत्कर्म ही आपको सद्गति के लिए काफी होंगे (मेरे कहने से ही नही)
सादर नमन