कल एक आलू किसान से मुलाकात हुई बिचारा इतना परेसान था काफी कर्जे में था साहूकारों से कर्ज लेकर दूसरो के खेत भाड़े पर लेकर फसल की और कह रहा अब बहुत हो गया फांसी लगाकर जान देना ही एक उपाय है मेने उसे समझाया की में भी एक आलू किसान हूँ मेरे भी आलू कोल्ड स्टोर में सड़ रहे है मेंरी भी आर्थिक स्थति बहुत कमजोर हो गई है में आत्महत्या नहीं कर रहा तो तुम क्यों जिंदगी से संघर्ष करो अच्छे बुरे दिन आते रहते है