नहींं पढ़ा होगा कभी....अपने या अपने बच्चों की किताबों में.....!!!!!
जालियांवाला बाग नरसंहार तो सुना ही होगा........... ये उसी के बाद की कहानी है। 13 अप्रैल 1919 को हुए इस नरसंहार में हजारों लोग मारे गये थे। थरती खून से लाल हो गई थी।
एक अनाथ सरदार था ...... इस जघण्य हत्याकांड के दोषी जनरल डायर से बदला लेने की कसम खाता है, और 21 वर्ष बाद अंग्रेजों के घर में घुसकर माइकल ओ डायर (जनरल डायर पहले ही बीमारी से मर गया था।) को मारकर बदला ले ही लेता है।
#शहीद_ए_आजम इन्हे भी कहा जाता है #भगत_सिंह की तरह ।
आज ही इन्हे फाँसी दी गयी थी।
नमन कीजिए इन्हे.....और #गान्ही_बाबा की जय बोलिए....।
क्योंकि ...................................
नहीं पढ़ा होगा कभी....अपने या अपने बच्चों की किताबों में......!!!!!