सृष्टि के समस्त चराचरों में मनुश्य ही सर्वोत्कृष्ट कहलाने का गौरव प्राप्त करता है। मनुष्य ही चिंतन-मनन कर सकता है। अच्छे-बुरे का निर्णय कर सकता है तथा अपने छोटे से जीवन में बहुत कुछ सीखना चाहता है। उसी जिज्ञासावृत पुस्तकें शांत करती है अर्थात ज्ञान का भंडार पुस्तकों में समाहित है।
पुस्तकालय को ज्ञान की देवी माता सरस्वती का मन्दिर कहा जाता है। सभी को चाहें, वह गरीब हो अमीर हो, बच्चा हो बूढ़ा हो नर हो नारी हो उन्हें किसी भेदभाव के पुस्तकालय में जाने की अनुमति प्रदान की जाती है, वे स्वेच्छा से कोई भी पुस्तक वहां से लेकर पढ़ सकते हैं।
INBOOK NETWORK के अभियान हर गांव हो "मेरा अपना पुस्तकालय " के अंर्तगत ग्राम भानगढ़ जिला धार में पुस्तकालय का शुभारम्भ।