अब जब हम स्वतंत्रता दिवस का त्योहार कल बडी धूमधाम और उत्साह से मनायेगे,बहुत अच्छी बात है।लेकिन वास्तव में आप लोगों का लगता है कि हम स्वतंत्र है,हमें किस बात की आजादी है ,हम ७० सालों में परिवार के साथ सुखद यात्रा नहीं कर सकते हमको रेल में बैठने के लिए सीट तक उपलब्ध नहीं हो पाती।
यह तस्वीर जनरल डिव्वे की है,मेने कल अपनी आँखों के सामने देखा कि किस तरह भारतीय नागरिक केवल सीट पाने के लिए एक दूसरे से मारपीट करने लग जाते है और इसमें महिलाएँ भी पीछे नहीं रहती।
अब आप सोचें कि जिन लोगों से हम कभी मिले नहीं उनसे पल भर में दुश्मनी हो जाती है
क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वो अपने नागरिकों की परेशानी समझे।