1. 12000 करोड़ की रेमण्ड कम्पनी के मालिक आज बेटे की बेरुखी के कारण किराये के घर में रह रहे है।
2. अरबपति महिला मुम्बई के पॉश इलाके के अपने करोडो के फ्लैट में पूरी तरह गल कर कंकाल बन गयी...करोड़पति बेटे को पता ही नहीं माँ कब मर गयी ?
3. बक्सर के क्लेक्टर ने तनाव के कारण आत्महत्या की।
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ये तीन घटनाये बताती है जीवन में पद, पैसा, प्रतिष्ठा ये सब कुछ काम का नहीं....
यदि आपके जीवन में ख़ुशी, संतुष्टी और अपने नहीं है तो.
वरना एक क्लेक्टर को क्या जरुरत थी जो उसे आत्महत्या करना पडी ?
...आनंदित रहो...खुश रहो।
...कभी सड़क किनारे धूल में नंगे खेलते गरीबो के बच्चों को देखना...
उतनी ख़ुशी अमीरो के बच्चों को भी नहीं मिलती। खुशियाँ पैसो से नहीं मिलती..अपनों से मिलती है।
स्वस्थ रहो, खुश रहो, आनंदित रहो, बस यही सबसे बड़ा धन है।
अपने परिवार से जुड़े अाैर जीवन को तनावमुक्त बनाये, जीवन को जीवटता के साथ जीने का सौभाग्य और आनंद प्राप्त करे।
जीवन में भरे खुशियों के रंग
हम आप इनबुक के संग