आज जब हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे है तो एक विचार आया कि स्वतंत्र और स्वाधीन शब्द सुनने में तो एक से लग रहे है, वास्तव में दोनों में अन्तर है।
स्वतंत्रता----आजादी,अपना हमारा तंत्र
स्वाधीन------किसी के अाधीन ना रहना
मुझे ऐसा लगता है कि हम स्वतंत्र तो हो गए लेकिन हम किसी के दवाव में रह रहे है,क्या कारण है कि हम विदेशी मानसिकता से अपने को दूर नही कर पा रहे।आज सब कुछ अपने देश में उपलब्ध है तो विदेशी का त्याग क्यों नहीं कर रहे।
आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता के साथ साथ स्वाधीनता दिवस भी मनाए।हम शपथ ले कि स्वयं तो इनसे दूर रहेगे साथ में अपने दोस्त,परिवार,समाजऔर देश के लोगों को भी दूर रखेंगे।
इनबुक आपसे ऐसी उम्मीद रखता है।
जय हिन्द