आज शाम 07:30 बजे बैंगलोर में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। निष्पक्ष पत्रकारिता के स्थान पर वैचारिक लेखनी को घिसने वाली गौरी शंकर के आत्मा को सदगति मिले यही कामना है।
अब मुद्दे की बात कर्नाटक में भाजपा की नहीं कांग्रेस की सरकार है। लेकिन दोषी भाजपा की राज्य ईकाई और माननीय Narendra Modiजी को सिद्ध करने में सिद्धरमैया के साथ पूरा वामपंथी गैंग लग गया है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 की पटकथा लिखनी शुरू की जाने लगी है। वामपंथी गैंग और उसी बिरादरी के पत्रकारों की दिव्यदृष्टि में पूरा मामला दिख गया। गुनाहगार की भी पहचान इनलोगों ने कर ली।
Dilip C Mandal जैसे लोगों ने इसमें संघ को घसीटने की मुहिम चलाना शुरू कर दिया है। हद चूतियापा है यह। ज़ावेद अख़्तर सहित पूरी वामपंथी गैंग द्वारा ट्वीट औऱ पोस्ट की बारिश हो रही है। कोई इसकी निष्पक्ष न्यायिक/सीबीआई जांच की मांग नहीं कर रहा है। कोई यह नहीं कह रहा कि पिछले साल गौरी लंकेश को प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट,हुबली ने आपराधिक मानहानि के दो मामलों में गुनाहगार माना था। क्योंकि धारवाड़ के भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी औऱ भाजपा नेता उमेश धुसी ने गौरी लंकेश के द्वारा 23 जनवरी 2008 कोलिखे गए लेख के आधार पर अलग-अलग आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था।
संवाद की जगह सदैव विवाद खड़ी करने वालों की फितरत क़भी नहीं बदलती। गौरी लंकेश की आत्मा की शान्ति की कामना के जगह उनकी मौत पर राजनीति करने वामपंथी कमनिष्ठों की गैंग निकल पड़ी है। शायद अब यह मुहिम कर्नाटक चुनाव 2018 के बाद ही रुकेगा। गौरी लंकेश आपने जो कर्म किया, वह पाया। अब आपकी आत्मा को ईश्वर शांति दें यही प्रार्थना है।