एक बार फिर से जलाने की तैयारी आखिर कब तक एक गलती की सजा मुझे बार बार दी जाती रहेंगी। और तुम लोगों को किसने हक दिया है मुझे सजा देने का पहले अपने गिरेवां में झांक कर देखो क्या तुममे एक भी खूबी है राम की।
और आप लोग यह क्यों नहीं समझ पा रहे हो कि वुराई तो बुराई ही होती हैं चाहे मैं करू या आप लोग।
सोच सोच कर सोचें मुझे जलाने से आप को कुछ नही मिलने वाला अगर दहन ही करना है तो अपनी बुराइयों को जलाए।
लंकापति रावण