2 अक्टूबर गाँधी व लालबहादुर शास्त्री जयन्ती के लिए तो प्रसिद्ध है ही, लेकिन शायद ही कोई इस बात से परिचित होगा कि आज ही के दिन गाँधी जी ने पुणे के पास उरली कांचन में पहला प्राकृतिक चिकित्सालय खोला था, जो आज भी खूब चल रहा है। इस प्रकार आज प्राकृतिक चिकित्सा दिवस भी है। इसी उपलक्ष्य में दिव्यायन निसर्गोपचार केन्द्र इन्दौर में आज सभी रोगियों को विशेष भोजन परोसा गया।
कच्चे केले की बाटी, मूंगदाल का भाप में बना भल्ला व नारियल की बरफी आज की रसोई का विशेष आकर्षण हैं। यहाँ भोजन को तल कर नहीं बनाया जाता। सब खिलाते हैं लेकिन स्टीम करके। साथ में सूप और सलाद तो दोनों समय अनिवार्य है। दिव्यायन की विशेषता है कि यहाँ रोगियों के नियमों का भी भरपूर ध्यान रखा जाता है।