एक सांस के लिए, पापी पेट के लिए हवा खा कर, गुब्बारों मे हवा भरता है खुशी मार खुद, दूजे को खुश करता है ये मेरे देश का बेटा, भूखा आहे भरता है पढना, लिखना, हंसना तो दूर की बात है अपनी चोट पर फूक मार, मिट्टी भरता है भारत का रक्षक, अपने पापी पेट से डरता है जूही, गरीब का बेटा, अमीर से कयूं डरता है