यह जो चित्र आप देख रहे हैं ये परम आदरणीय
सर सेठ श्री हुकुमचंदजी सेठ साहब का है।
आज उनकी जन्म जयंती है। 14 जुलाई को आपका जन्म इंदौर में हुआ था आपकी माताश्री श्रीमती जवरी बाई व पिताश्री सेठ स्वरूपचंदजी साहब थे। बहुत साधारण सी परन्तु व्य़वहारिक शिक्षा दीक्षा के बावजूद आपने न केवल इंदौर बल्कि देश व विदेशों में भी अपने व्यापार कौशल की घाक जमाई थी। काटन व अफीम के भाव आपके इशारों पर नाचते थे।आपकी ख्याति का आलम ये था कि आज भी लंदन स्टाक एक्सचेंज में आपकी फोटो विध्यमान है। और य़ह हम सबके लिये गौरव की बात है ।
एक कहावत से उनके व्यापार कौशल की जानकारी मिलती है ,उन दिनों व्यापारी अपनी बिजनेस चर्चा में कहते थे "आज को भाव तो यो है कल को सेठ हुकुमचंद जाणे" । व्यापार की कला व तकनीक आज के कई MBA , CA, को सोचने पर मजबूर करे कि ऐसा भी हो सकता है। आपने इंदौर में कपडे की कई मिलें लगाकर इंदौर का नाम रोशन किया था और न केवल इंदौर बल्कि देश के अन्य भागों कलकत्ता, मुंबई व कई धार्मिक तीर्थस्थलों में भी कई अनेकों धर्मशालाएँ , अस्पताल, शिक्षण संस्थाएँ , व्यापार केन्द्र व अखाडे भी आपने समाज हितार्थ स्थापित किये थे।
विश्व प्रसिद्ध कांच मंदिर, शीश महल,रंगमहल, मोतीमहल, इंद्रभवन, नसिया जी आदि आपने अपने निर्देशन में ही बनवाये थे।
आज आपकी जन्म जयंति पर आपको सादर नमन