*सोच रही हूँ..... इस्लाम की पहचान कौन बिगाड़ रहा है*
पाकिस्तान में मुसलमानों को कौन मार रहा है।
अफगानिस्तान में मुसलमानों को कौन मार रहा है ?
तालिबान में मुस्लमानो को कौन मार रहा है ?
सीरिया में मुसलमानों की हत्या कौन कर रहा है ?
यमन में मुसलमानों को कौन मार रहा है ?
इराक में मुसलमानों को कौन मार रहा है ?
लीबिया में मुसलमानों की हत्या कौन कर रहा है ?
कतर में मुसलमानो को कौन मार रहा है ?
कौन है जो मिस्र में मुसलमानों को मार रहा है।
कौन है जो सोमालिया में मुसलमानों को मार रहा है।
कौन है जो बलूचिस्तान में भी मुसलमानों को मार रहा है।
मैं सोच रही हूँ जब ये सभी देश इस्लामिक हैं... तब शान्ति कहाँ है.....?? आंकड़े भयवाह है और दर्द देने वाले है की पिछले 15 साल में 3 करोड़ मुस्लिम इस्लामिक देशो में ही मारे गए। युद्ध जन्नत जिहाद आतँकवाद के नाम पर। आज हर दिन हजारो मुस्लिम जन्नत के नाम पर मारे जा रहे।
*मैं इस्लाम पर सवाल नहीं कर रही हूँ, क्योंकि सभी लोग जानते हैं की इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है!*
लेकिन शांति रहस्यमय रूप से से गायब है ? *क्यों?*
मुसलमानों का स्वभाव है, वह जिस देश में रहते हैं, उसी देश को बर्बाद और तबाह कर देते हैं। म्यांमार सबसे श्रेष्ठ उदाहरण है।वो लोग कौन है जो अल्लाह-हू-अकबर कह कर लोगों के गले काटता घुम रहा है, दुनिया भर में ? मेरी नजर ये इस्लाम नही है, ये ईमान नही है। ये क़ुरान शरीफ़ का उपदेश नही है। और हां मौलानाओं मौलवियों के फतवे इस मार काट के खिलाफ कभी नही आते।
कोई इन से पूछे कि बताओ, तो
*अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, लेबनान, यमन और मिस्र को क्या बजरंग-दल, मोदी, योगी, भाजपा या हिन्दू-महासभा ने बर्बाद किया है.....? या वहां दंगा करने के लिए RSS के लोग गए थे*
*"#अजीब_विडम्बना_है"*
भारत जैसा देश नही हिन्दू से अच्छा इंसान नही। आज 110 करोड़ हिन्दुओ के बिच 17 करोड़ मुसलमां सुरक्षित है मगर चीन जापान अमेरिका इज़राइल रूस जेसे देशो में जहाँ ईसाई यहूदी यजीदी बोधि रहते है वहाँ मुसलमां सुरक्षित नही है। जहाँ मुसलमां ज्यादा है वहाँ हिन्दू सुरक्षित नही है चाहे वो पाकिस्तान हो, बांग्लादेश हो, अफगानिस्तान हो।
कुछ ग़द्दारों के लियें यहाँ
इशरत "बेटी" है
कन्हैया "बेटा" है
दाऊद "भाई" है
अफ़ज़ल "गुरू" है लेकिन
*भारत....माता* नहीं।