लड़कियों का इस सरकार और मुख्यमंत्री से सवाल है कि उनके लिए जो सुरक्षा के मानक बनाये गए थे वे कहाँ गए। 1090 पर कॉल करके बिना बदनामी के ही अपनी समस्याओं से निजात पा लेते थे उसका क्या हुआ? अब हमारी सुरक्षा के नाम पर तमाम बंदिशे लगा दी गयीं हैं। हमें भी खुलकर जीना है। हमें भी संघर्ष करके अपनी पहचान बनानी है। मुख्यमंत्री जी हमारी आजादी मत छीनिये बल्कि हमें और आजाद होने दीजिये ताकि हम भी सफलता की ऊंचाइयों को छू सकें।
हमारी पढ़ाई के लिए जो सहयोग मिलता था उसका क्या हुआ?
आपने तो हमारे लिए खूब वादा किया था पर अब तो सारी योजनाएं बंद पड़ी हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी प्लीज हमारी भावनाओं को बढ़ाकर हाथ पीछे मत खींचिए। हमें भाषण नहीं अपना अधिकार चाहिए।