स्वदेशी के महान चिंतक, पूज्य स्वामीजी के शब्दों में कहे तो चलते फिरते एनयक्लोपीडिया ,
भारतीय सभ्यता संस्कृति के संवाहक व ब्रांड अम्बेसडर ओजपूर्ण तेजपूर्ण गंभीर सरल सहज वक्ता, जिनके पास वह शक्ति थी की गंभीर विषय को सहज सरल भाषा मे जनमानस का विषय बना दे।
सात्विक , सादा जीवन उच्च विचार के जीवंत उदाहरण, क्रांति मार्ग के पथिक, शहीदों की शहादत के रखवाले , राष्ट्रभक्त, उच्च चरित्र , महान व्यक्तित्व, संघर्षशील, स्वदेशी , स्वभाषा, भाव, विचार , भेषज अत्यंत आग्रही, भारत स्वाभिमान के योद्धा , भारतीय संत परंपरा के संवाहक जो सादे वस्त्रों में भी जो सन्यासी की भांति लगातार व्यवस्थाओ से संघर्ष करते रहे, बहुराष्टीय कंपनियों के धुर विरोधी, स्वदेशी के स्वपन दृष्टा जिनका स्वपन था की सभी विदेशी कंपनियों को हम भारत से बाहर भगा दे, ऐसे योद्धा को हम हृदय से स्मरण करते है
हम और आज उनके जन्म व स्वर्गवास दिवस पर यह संकल्प लेते है कि हम अपने जीवन मे विदेशी वस्तुओ का विशेष रूप शून्य तकनीकी की विदेशी वस्तुओ का बहिष्कार करेंगे व स्वदेशी का प्रयोग करेंगे।