रेगिस्तान का जहाज ऊंट आज भिंड में जब नजर आया तो लगा एक जमाने में भिंड की गल्ला मंडी में बहुत बड़ी संख्या में ऊंटों पर गांव से खेतों से माल लेकर आता था फिर धीरे-धीरे ऊंट की जगह बैलगाड़ी ने ले ली और बैलगाड़ी की जगह ट्रैक्टर ने आज जैसे बैल निरापद हो गए वैसे ही उठ भी निरापद हो गए क्योंकि बड़े पैमाने पर बंगाल ,उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर ऊंटों की तस्करी होती रही और इसीलिए यह आज बहुत कम संख्या में नजर आते हैं ऊंटों का माँस बिकता गया और ऊँट समाप्त होते गए। अब केवल कुछ ही स्थानों पर नदियों से रेत निकालने के काम में आ रहे हैं । ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है हरे-भरे भिंड में वह तो नहीं रहा लेकिन भिंड के खेत रेगिस्तान जरूर हो रहे हैं मौसम की बदलती मार ने भिंड की तस्वीर पेश की है उससे आने वाले समय में बहुत बड़ा क्षेत्र रेगिस्तान में परिवर्तित होता जा रहा है इसका ताजा उदाहरण कड़वी हवा फिल्म में देखा जा सकता है जहां पहले कभी अपने यहां सर्दी गर्मी और बरसात के साथ-साथ बसंत रितु भी देखने को मिलती थी अब ऋतु की संख्या कम होती जा रही है और बरसात मानो लुप्त सी हो गई हो रेगिस्तान का जहाज आज सड़क पर देखकर जो लगा वह आपको शेयर कर रहा हूं धन्यवाद