संजीव जैन's Album: Wall Photos

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संभाजी भिड़े गुरुजी कौन हैं पता है ? या बस चिल्ला ही रहे हो कि उसने किया दंगा उसने किया दंगा ????

बालासाहेब ठाकरे से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं भिड़े गुरुजी , एक इशारे पर महाराष्ट्र के गांव , गांव , शहर शहर से लाखों की भीड़ जिसके साथ आ जाये वो हैं भिड़े गुरु जी

पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से केमिस्ट्री में MSc. करने के बाद एक समय ऐसा आया कि उन्होंने अच्छी खासी पगारदार नौकरी छोड़ दी , वो भी किसलिए ? क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज , संभाजी महाराज द्वारा बनाये गए किलों, महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास का संरक्षण करना था और लोगों को जागृत करना था , दुर्गा माता दौड़ आयोजित करनी थी, संभाजी महाराज को 39 दिनों तक तड़पा कर मारा था औरंगजेब ने फिर भी संभाजी महाराज ने इस्लाम को नही स्वीकारा तो उन संभाजी महाराज की याद में महीने भर का बलिदान मास का नया सिद्धांत गुरुजी ने दिया

जिसमें हर व्यक्ति , जो खुद को शिवाजी महाराज , संभाजी महाराज के मार्गदर्शन और ज्ञान का संवाहक मानता है वो अपनी किसी ना किसी प्रिय चीज का 1 महीने तक त्याग कर देगा ऐसा नियम है बलिदान मास का , जिससे संभाजी महाराज के बलिदान की एक छोटी सी झलक उस युवक को मिल सके , और आज ऐसा समय है कि लाखों लोग यह बलिदान मास रखते हैं,

संभाजी भिड़े गुरुजी के बारे में आप कल्पना भी नही कर सकते की कैसे कोई 85 साल का "युवा" सुबह 4 बजे फुदकते हुए ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर बने किले पर चढ़ जाता है , जिसमे बड़े बड़े जिम जाने वाले पहलवान भी हांफने लगते हैं ,

आप ये भी नही कल्पना कर सकते कि कैसे कोई व्यक्ति इतनी बड़ी संख्या में अनुयायी होने के बाद भी ना खुद का घर है ना जमीन जायदाद , ना घमंड , ना अकड़

संभाजी भिड़े गुरुजी आज के समय मे एकमात्र ऐसे स्तंभ बचे हुए हैं जिनसे शरद पवार & टीम डरती है क्योंकि सच्चा इतिहास तबतक महाराष्ट्र में चलता रहेगा जबतक संभाजी भिड़े गुरुजी गांव गांव में जाकर शिवाजी एवं संभाजी महाराज का इतिहास बताते रहेंगे और शरद पवार द्वारा फंडेड संभाजी ब्रिगेड जैसे संगठन कुछ नही कर पाएंगे