योगी जी के पास मानवाधिकार आयोग का नोटिस आया तो उसे कूड़ेदान में डाल दिया।
जब आयोग के अध्यक्ष को पता चला तो उन्होंने एक टीम बनानी की सोची जो कि योगी जी से मिल कर नोटिस का जवाब मांगती और उनको धमकाती की यह मुठभेड़ बन्द करो और आयोग में हाज़िर हो कर सफाई दो।
पर कोई भी टीम का सदस्य बनने को तैयार नही हुआ।
आयोग के सचिव ने अध्यक्ष को बताया कि योगी जी बहुत ही मृदुल व्यवहार करते है और जो भी मिलता है तो अच्छा खासा स्वागत करते है और हर बात पर तुरंत कारवाही करते है।
अध्य्क्ष ने पूछा तो फिर आपको उनसे मिलने में क्या आपत्ति है ?
तो सचिव ने कहा कि अभी उनसे एक प्रतिनिधिमंडल मिलने गया था जिसमे कुछ नामी गिरामी इनामी बदमाशों की तरफ से मुठभेड़ के ceasefire करने की प्रार्थना की थी।
तो योगी जी ने सब को बढ़िया नाश्ता करवाया और खूब आव भगत की और भरोसा दिलाया कि उनकी बात पर गौर करंगे।
और जैसे है वो वहां से विदा हुए उनके घर पहुंचने से पहले हर उन दोनों शातिर अपराधी का एनकाउंटर करवा दिया।
अब ऐसा न हो कि हम जा कर मिले और उनसे मुठभेड़ रोकने का नोटिस दे और वहां से रुखसत होने का बाद हमारा ही एनकाउंटर न करवा दे।