संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 13,038 of 15,272 in Wall Photos

======उम्मीद की खिड़की======
कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की पंक्तियाँ आज के माहौल में कितनी सटीक मालूम दिखाई पड़ती है कि आसपास नकारात्मक को देखकर मन निराश क्यों हो?क्यों हार मान ली जाए,क्यों मंजिल से पहले ही थक कर बैठ जाएँ?क्यों न दिल खोलकर मुस्काराया जाए, बेझिझक गुनगुनाया जाए, जरा सा संगीत हो और थिरक ले।
बूँद-बूँद से ही तो घड़ा भरता है। क्यूँ न हम ये मान ले कि सब ठीक होगा, कि दुनिया बड़ी खूबसूरत है। जब सब कुछ ख़त्म हो जाता है तब भी भविष्य तो बाकी रहता ही है न? तो आज को एक स्याह सुरंग मान भी ले तो दूसरे सिरे पर दिखती हल्की रोशनी की किरण हमें चलते जाने की ऊर्जा देती है। वही रोशनी तो उम्मीद है। उम्मीद और भरोसा अगर मिल जाए तो निराशा को बड़ी आसानी से पछाड सकते है। दुनिया इतनी बुरी भी नही है बस जरूरत है कि सहयोग करें और उम्मीद न छोड़ें।
गलतियाँ बताना आसान है उसका हल बताना मुश्किल। क्यूँ न हम अपने हिस्से का प्रयास करें। सच तो ये है कि उम्मीद खोजनी पड़ती है, निराशा या नाउम्मीदी हमें खोजती है। बड़ा फर्क है दोनों बातों में, लेकिन इसी बात में खुशियाँ का सार भी छिपा है।
तो क्यूँ नही मन में ये आशा जगाए कि " ऐसा" नहीं तो शायद "वैसा" बेहतर हो।

वह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल,
दूर नही है!
थक कर बैठ गए क्या दोस्तों,
मंजिल दूर नही है।।
========================:=======::==::::::
इनबुक का है यह संदेश
चिंता हो ना कोई क्लेष।
आशा की उम्मीद पास हो
तो डरने की क्या बात हो।।
Inbook
Real Indian social networking site