ताबूत तो नए नसीब हुए,,, काश लड़ने के लिए हथियार नए दिए होते ,,,,तीन तीन गोले दागने के बाद भी एक भी नही फट पाया,,तुम्हे तो पुराने ढर्रे पर शहीद होना ही था ,,,हम फिर नई जुबान से निंदा और शोक जता लेंगे ,,,सिर्फ इतना कह कर विनम्र श्रद्धांजलि ,,,।। अगले होने वालो शहीदों के लिए भी गम बचा कर रखने है हमें।।