सभी की माँ अपने बच्चों के लिए अपनी खुशियाँ वार देती है, पर जब मैं अपनी माँ के बारे में सोचती हूँ, तब महसूस होता है, जिन परिस्थितियों में उसने जिन्दगी व्यतीत की , बहुत ही कठिन था, हम भाई बहन की परवरिश करना, आज उनके संघर्षों की कहानी क्या बयां करूँ..........
आज माँ के जन्मदिन पर मेरी छोटी सी इक भेंट ....
मुझे ना महसूस हुई तमन्ना कभी उस ईश्वर को देखने की, मुझे मालूम है कि वो भी मेरी माँ जैसा दिखता होगा,,
माँ जब भी मांगती होगी अपनी दुआओ में मेरी खुशी , वो मेरी तकदीर में हर खुशी लिखता होगा,,
बिना लालच के माँ ने मुझे उम्र भर पाला है, मेरा पेट भर खाना ही जैसे उसका निवाला है,,
खुद को महरूम रख हर खुशी से अपने बच्चों की खुशी इसको लगती बड़ी खुशी है ,
मैं खुशहाल रहूं ये जिस हाल में है बस उसमें ही खुशी है,,
अपनी खुशियाँ को बच्चों पर वार नहीं मांगती कोई निशानी है, हर रोज लिख देती इतिहास में कुर्बानी की नयी कहानी है,,
चेहरे की मुस्कराहट हो या दुआ किसी गरीब की, इसकी मुस्कान बदल देती है मेरे गम को मेरी खुशी में, उम्र लम्बी हो मेरी माँ की हमेशा मेरे सिर पर इसका हाथ रहे, खुशी हो या गम हर पल माँ तेरा साथ रहे,,
मुबारक हो जन्मदिन तुम्हें तुमे खुशियाँ अपार मिले , इतना करम रहे मुझ पर, कि तेरे लिए कभी अपनी खुशियाँ भी वार सकूँ,