सोमवार 26.03.2018
चैत्र शुक्ल पक्ष 10
विक्रम सम्वत् 2075
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2544
*सुविचार*
"धर्म के सूत्र"
प्रतिदिन चाहे एक पंक्ति ही स्वाध्याय कीजिये पर नियमपूर्वक कीजिये. तत्वज्ञान में, शास्त्र में महान शक्ति है. पर्वतारोही एक सूत्र (रस्सी) ऊपर फेंक कर बाँध देते हैं और फिर उस सूत्र (रस्सी) के सहारे स्वयं ऊपर चढ़ जातेहैं. इसी प्रकार हम अपने धर्म के सूत्रों, वाक्यों, को याद करते हैं, मन में अंकित कर लेते हैं, उनकी अनुभूति करते हैं, उनके अर्थ का चिंतन करते हैं तो उस सूत्र (रस्सी) की भाँति ये सूत्र भी हमारे जीवन को उंचा उठाने में सहायक होते हैं. धवला आदि ग्रंथों में सूत्रों के लिए 'नसैनी' (लकड़ी की सीढ़ी) शब्द का प्रयोग किया है. जैसे नसैनी ऊपर चढ़ने में माध्यम है, साधन है, उसी प्रकार धर्म सूत्र भी हमारे जीवन को उंचा उठाने में सहायक हैं, साधन हैं, आधार हैं.
आचार्य श्री १०८ विद्यानंद जी महाराज
*इतिहास में आज*
1974 - लाता गाँव, हेन्वाल घाटी, गढ़वाल हिमालय में गौरा देवी के नेतृत्व में 27 महिलाओं के एक समूह ने पेड़ों को बचाने के लिए पेड़ों के आसपास घेरा बना लिया और उन्हें अपने इस प्रयास से भारत में चिपको आंदोलन को आरंभ किया.
सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका दिन मंगलमय हो।