संजीव मिश्रा थाना अध्यक्ष फूलपुर वाराणसी को किसी ने सूचना दी कि कोई छोटी सी बच्ची बदहवास हालत में पड़ी , लेकिन घटना स्थल दूसरे थाना क्षेत्र का था । संजीव मिश्रा बिना इस बात की परवाह किये कि मामला दूसरे थाना क्षेत्र का है तुरंत मौके पर पहुँचे और बच्ची को लेकर हॉस्पिटल भागे , हॉस्पिटल ने इलाज़ करने में लाचारगी दिखाई तो वह बच्ची को लेकर दूसरे हॉस्पिटल में लेकर गए लेकिन वहाँ भी सिर्फ बहाने सुनने को मिले , फिर संजीव बच्ची को लेकर एक प्राइवेट हॉस्पिटल में गए , प्राइवेट हॉस्पिटल का पहला प्रश्न कि खर्चा कौन उठाएगा ? संजीव ने कहा मैं , मैं ही इसका गार्डियन और मैं ही इसका खर्च उठाऊंगा तब जाकर बच्ची का इलाज़ शुरू हुआ । अब बच्ची ठीक हो रही है । (इस बच्ची के साथ एक अधेड़ ने दुष्कर्म किया था , उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चूका है )
मैं संजीव मिश्रा की दिल से सराहना करता हूँ काश हर पुलिस वाला संजीव मिश्रा होता
प्रश्न ये है कि एक बार सरकारी हॉस्पिटल ले जाने के बाद सही इलाज़ की जिम्मेदारी किसकी है ?