देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई
कितना बदल गया इंसान,
क्या हो गया इस इंसान को,कहाँ मर गई इनकी इंसानियत,क्या कर रहा है और क्यों कर रहा है ऐसे जघन्य घृणित कार्य?क्या इन्हें अब अपने परिवार,समाज व देश के कानून से डर नहीं लगता?
क्या आपको नहीं लगता कि यह तस्वीर बिना कुछ कहे वर्तमान दशा की वास्तविकता का सही चित्रण कर रही है।क्या तस्वीर हमें यह समझाना चाह रही है कि आजादी के ७० वर्षों के बाद हमारे देश की क्या दुर्दशा हो गई,क्यों हमारी बेटियों को घर से बाहर जाने में डर लगता है क्यूँ ये अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही है।
हमारा देश हमारी संस्कृति को आज क्या हो गया।ये क्रूरता,ये जघन्य घटनाओं से हमारा हृदय ,मन विचलित जरूर होता होगा ।और चुपचाप बैठ कर सरकार को कोसते हुए हम सिर्फ तमाशा देखते रहते है।
हम लोग एकजुट होकर कुछ ऐसा माहौल तैयार करें जिससे समूचे देश में एक संदेश पहुँचे कि इस प्रकार के अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,।छोटी सी बातों को लेकर हम देश बंद करा देते हैं,इन निंदनीय झकझोर करने वाली वारदातों पर मौन साध लेते हैं, अब कोई आंदोलन क्यूँ नही होता।
कानून,सरकारें अपना काम कर रही है लेकिन हम सबको अपना कर्तव्य समझते हुए ऐसे घटिया घ्रणित काम करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करना होगा,कुछ नया करने की सोचना होगा जिससे इन अपराधों पर लगाम लग सकें।
मुझे उम्मीद है कि आप सब इस पर अवश्य विचार करेंगे।धन्यवाद।।
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(समाज में फैली हुई कुरीतियों के खिलाफ)
आइये इनबुक नेटवर्क से जुड़कर इन जैसे अपराधों के खिलाफ अपनी राय,विचारों को हम सबके साथ शेयर करें।
तुम इतने बेरहम कैसे हो दरिंदो
सोचता हूँ तालीम कैसी पायी होगी।
लूट कर उस मासूम की आबरू
जालिमों तुम्हें नींद कैसे आयी होगी।।
शर्मनाक~~~~~~~~~~~~~~~~~~~[[[[