"राजसमंद जिले का पिपलांत्री गांव न सिर्फ बेटियों को बचाने, बल्कि उनके बहाने चारों तरफ हरियाली से लबरेज माहौल पैदा करने की एक कामयाब मिसाल बन कर खड़ा है।
पिपलांत्री में एक बेटी जन्म लेती है तो गांव के लोग एक सौ ग्यारह पेड़ लगाते हैं और उनके फलने-फूलने से लेकर देखरेख तक का पूरा इंतजाम करते हैं। इस तरह बेटियों के प्रति यह स्वीकार-भाव पर्यावरण संरक्षण के अभियान का भी रूप ले चुका है।
नतीजतन पिछले छह साल में इस इलाके में ढाई लाख से ज्यादा पेड़ और उन्हें दीमक से बचाने के लिए इतनी ही संख्या में एलोवेरा यानी ग्वारपाठा के पेड़ लगाए जा चुके हैं।"