उड़ीसा के मल्कानगिरी जिले के एक गांव में डॉक्टर, गर्भवती महिला को खाट समेत लेकर अस्पताल पहुंचे. 10 किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद, महिला की जान बचाने के बाद डॉक्टर ने जो महसूस किया होगा शायद उसी को खुशी और सुकून कहते हैं.
दरअसल, एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरु हुई तो अस्पताल को सूचना दी गई. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ओमकार होता गांव पहुंचे तो समझ गए कि मरीज को अस्पताल ले जाना बेहद जरूरी है. महिला की डिलीवरी हो चुकी थी और खून काफी बह रहा था.
सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस का वहां तक पहुंचना असंभव था. डॉक्टर ने महिला को खाट पर ही अस्पताल ले जाने की ठानी. डॉक्टर का साहस देख कर महिला के परिजनों ने भी मदद की. अस्पताल पहुंचने के कारण महिला की जान बच गई.
डॉक्टर भगवान् का रूप होते है, आज डॉ, होता ने इस बात को साबित कर दिया है!