जलदीप आर्य's Album: Wall Photos

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एक दिन डिस्कवरी चैनल घर पर बच्चे देख रहे थे मैं भी थोड़ी देर बैठकर टीवी देखने लगा इस कार्यक्रम में दिखाया गया कि केरल की एक महिला के घर कोई विशेष अतिथि आने वाले थे तो महिला ने विशेष अतिथि के लिए विशेष भोजन बनाने का विचार किया और स्थानीय बाजार कुछ विशेष खरीदारी करने गयी ...
वो माँस बाजार के कई दुकानदारों से पूँछ रही थी :- कुटिपाई है ?
दुकानदार - नही है।
मुझे भी इस कुटपई की थोड़ी उत्सुकता जगी कि भला यह कुटिपाई क्या होता?
उस महिला ने 10-12 दुकानदारों से पूँछा तब एक दुकानदार ने हामी भरी कि हाँ मेरे पास कुटिपाई है ........
और उसने महिला को कुटिपाई उपलब्ध कराया

चैनल वालों ने कुटिपाई का वर्णन कुछ इस प्रकार किया जिसे सुनकर में सन्न रह गया, जिसको लिखने में भी तकलीफ हो रही है ...

एक गर्भवती बकरी जिसका प्रसव का समय बिल्कुल समीप हो मतलब एक या दो दिन में ही प्रसव होने वाला हो मतलब बकरी के गर्भस्थ शिशु का पूर्ण विकास हो चुका हो तब उस बकरी की हत्या करके उस गर्भस्थ शिशु को निकाला जाता है वह होता है "कुटिपाई" .........

फिर वह महिला बताने लगी कि कुटिपाई बहुत स्वादिष्ट नरम होता है
जल्दी पकता है
चबाने में आसानी होती है
पचाने में आसानी होती है
ईट्स सो डिलिशियस ..............
सोचिए इन्हें इंसान कहा जाए या हैवान...?

जब उसी केरल से यह खबर आयी कि एक गर्भवती हथिनी को बम वाला अनानास खाने को दिया गया और बम हथिनी के मुँह में फट गया और हथिनी की सूंड और मुँह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ समय तड़पने के बाद हथिनी अपने गर्भ में पल रहे शिशु सहित दुनिया को छोड़ दिया ....

ऐसा ही शायद कुछ समय पहले भी डिस्कवरी पर एक वीडियो सामने आया था कि एक शेरनी ने एक मादा बन्दर का शिकार किया और जब उसका पेट फाड़ा तो उसमें से एक सम्पूर्ण शिशु बाहर आया तो शेरनी की ममता जाग उठी और शिशु को दुलारने लगी ..... और शायद उस शिशु का उसने पालने पोषण भी किया।
एक वीडियो की बात बताता हूँ जिसमे एक मगरमच्छ एक मादा हिरन को पकड़ लेता है कुछ देर दबोचने के पश्चात मगरमच्छ को अहसास होता है कि मादा हिरन गर्भवती है तो वह अपने जबड़े खोलकर उस मादा हिरन को आजाद कर देता है ...............

पर यह सब हरामजादे इतने हैवान हो गए कि मानवता शर्मशार हो चुकी है ....
आज मनुष्य जीभ के स्वाद के लिए मनुष्यता भूल चुका है, उसे चीन की तरह गर्भस्थ शिशु चाहिए ........
मात्र मनोरंजन के लिए एक हथिनी की क्रूर हत्या ..??

चीन के बेबी सूप की तरह घृणा होती है ऐसे मनुष्यों के नाम पर .....
संभवतः पृथ्वी का अंत निकट है ?
यह कोरोना यह आँधी तूफान बवंडर भूकम्प साइक्लोन बार बार मनुष्य को चेतावनी दे रहा है पर ध्यान रखिएगा यदि आप सोचते हो ऐसे जघन्य अपराध को देखकर आप पाप से बचे रहोगे तो यह आपका भ्रम है ..... पाप की छाया से तो पड़ोसी भी नहीं बचता वह तो एक ही पावन धरती है कभी दिल्ली भोगल और आसपास की बस्तियों में इन्हें देखो यह दुर्दांत वहाँ भी मिलेंगे ....

अगर सच में मनुष्य ऐसे ही होते हैं तो सच में पृथ्वी को जल प्लावन में समा जाना चाहिए ....
और अगर सच में ईश्वर है तो न्याय करें .... है प्रभु ! क्या आपने ऐसी ही सृष्टि की कल्पना की थी यदि नहीं तो ब्रह्मदेव प्रलय कर पुनः ऐसी सृष्टि का सृजन करें जहाँ मनुष्य की सही मनुष्यता परिभाषित हो सके ....