रंगवाले देर क्या है मेरा चोला रंग दे ।
और सारे रंग धो कर रंग अपना रंग दे ॥
कितने ही रंगो से मैने आज तक है रंगा इसे ।
पर वो सारे फीके निकले तू ही गाढ़ा रंग दे ॥
तूने रंगे हैं ज़मीं और आसमां जिस रंग से ।
बस उसी रंग से तू आख़िर मेरा चोला रंग दे ॥
मैं तो जानूंगी तभी तेरी ये रंगन्दाज़ियां ।
जितना धोऊं उतना चमके अब तो ऐसा रंग दे ॥
भगवान के किये फ़ैसले पर बुरा मत मानना क्यो कि वह सजा देता है तो गुनाह भी हमने किया होगा
मेरे अकेलेपन का मजाक उड़ाने वालों जरा यह तो बताओ जिस भीड़ में तुम खड़े हो उसमें तुम्हारा कौन है
हमारा जीवन ईश्वर के हाथो मे सौंप देने के बाद श्रीहरि हर पल हमारी सार संभाल रखते है।
बिना सत्संग बुद्धिमान होते हुए भी जीवन के अंत तक आप ये बात कभी नही समझ पाओगे की
"ये जिंदगी किस लिए थी"
भोला हूँ पर भूला न हूँ....
लम्हा लम्हा याद रहता मुझे....
भरोसा वक्त पर क्या करें वक्त जाने कब बदल जाये
भरोसा तुम पर है साँवरे जो वक्त को भी बदल दे
जो किसी से भी घृणा करता है वह उस अनंत (ईश्वर) से घृणा करता है; क्योंकि समस्त विश्व उसी की अभिव्यक्ति है।
―स्वामी शरणानन्दजी
प्रभु अपने हैं, यही भजन है, मेरा कुछ नहीं है, यही ज्ञान है और मुझे कुछ नहीं चाहिये यही तप है ।
― स्वामी श्रीशरणानन्दजी
ख़ता तुमसे इश्क़ की हुई है तो सज़ा भी आशिकाना हो..!!
उम्रक़ैद की सज़ा हो और तुम्हारा दिल क़ैदखाना हो..!!
बिहारी जी अपनी उम्र कैद ही दे दो !!!
जर्रे जर्रे में उस परमात्मा का नूर है
इसलिए वह पूरे संसार में मशहूर है
अहंकार का चश्मा तुमने पहन रखा है
इसमें उसका क्या कसूर है
भगवान दुनिया का सबसे बड़ा डॉक्टर
और प्रार्थना दुनिया की सबसे बड़ी दवाई
रहो सकारात्मक सदा, मिली ये दुर्लभ देह ।
सेवा कर गोविंद भज , दो सबको स्नेह ।।
अज्ञानी होते भ्रमित राधा माधव एक ।
लीला को दो रूप में भज यदि बनना नेक ।।
भक्ती की ही शक्ति से पकड़ में आवे श्याम ।
माया है इनकी बड़ी उलझे लोग तमाम ।।
प्रेम जिद से नहीं किस्मत से मिलता है वरना पूरी दुनिया का मालिक राधा के बिना नहीं रहते
हे राधिके
मैं अनजान मलीन मन, न जानू कोई रीत
अटपट बानि को ही राधे, समझो मेरी प्रीत
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