satish bhola vats's Album: Wall Photos

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|| प्राचीन भारत में मंदिर बनाने का नक्शा ||
|| कुण्डलिनी जाग्रत करने के स्थान थे प्राचीन मंदिर ||

प्राचीन भारत में मंदिर बनाने से पहले जगह और दिशा का विशेष महत्व होता था | मंदिरो का निर्माण अलग अलग शैलियों के हिसाब से हुआ करता था पर अधिकतर मंदिर ऐसी पद्धति से बनते थे जिसमे हर एक कुण्डलिनी चक्र के हिसाब से गर्भगृह, मंडप, प्रस्थान, परिक्रमा आदि का निर्माण होता था और जिस चक्र के हिसाब से उस जगह का निर्माण होता था वहा व्यक्ति को चलकर या बैठकर उस चक्र को जागृत करने में सहयोग मिलता था | यही कारण होता है की प्राचीन मंदिरो में आज भी जाने पर व्यक्ति मानसिक रूप से शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है | एक चित्र साझा कर रहे है जिसमे आपको बताया गया है की मंदिर निर्माण का विचार कैसा होता था |
नकलचेप adi manav