टकला बाबा's Album: Wall Photos

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जब मोदी जी ने काश्मीर से ३७० हटाई तो उससे पहले इतना जबरजस्त पुलिस बंदोबस्त किया,इतने सुरक्षा बल लगा दिए,curfew लगा दिया,Internet बंद कर दिया,नेता परेता अलगाववादी सब उठा के बंद/नज़र बंद कर दिए,किसी को चूं तक न करने दिया...उस समय हमारे लूट खशोट में गौरवशाली विपक्ष का तो दिल ही टूट गया था,उन्ने तो पिछले सत्तर साल तक ये हवा बना रखी थी कि दुनिया की कोई ताकत ३७० को छू नही सकती,खून की नदियां बह जाएंगी,मैया खुद जाएगी,मकान पूत जाएंगे,झंडा उठाने वाला कोई न बचेगा...?
दिल तो टूटना ही था भई...इससे पहले TTT गया,राम मंदिर पे फैसला आया,चूं तक न हुई...इन सभी मुद्दों पे देश मे आग लगनी चाहिये थी,इस देश मे जब तक खून न बहे,लाशें न बिछें,विपक्ष के गिद्धों का पेट नही भरता,CAA पे कुछ हद तक ये अराजक तत्वों को भड़काने और देश जलाने में कामयाब हुए थे,उसमे भी जोगी जी ने कूट पीट कर घर बैठा दिये...पर दिल्ली में शाहीन बाग में ये तमाशा क्यों चलने दिया गया और दिल्ली क्यों दंगे में झुलसने दी गयी,इसके पीछे क्या मंशा थी,क्या रणनीति थी ये तो वक़्त ही बताएगा...(लेकिन दौड़ दौड़कर...क्योकि सिंकजा पूरा कस दिया है दम घुटने गक मोटा भाई ने(और सच पूछो तो मोटा भाई की इसी कातिल अदा ने मोह रखा है हम राष्ट्रवादियो को कि एक बार मामला हाथ मे आ जाये मोटा भाई के...छोड़ते नही...मुह से पूछ तक मरोड़ तरोड के निचोड़ सब कुछ निकाल लेते है)...विपक्ष मोदी को politically हराने में पूरी तरह विफल है,इसलिये वो अराजकता पैदा कर सरकार को घेरना चाहता है,Corona के कारण हुए Lockdown में अब तक सबकुछ Smoothly चलता आया है,इतने बड़े देश मे इतनी बड़ी जनसंख्या दस हफ्ते से घरों में कैद है,फिर भी देश मे शांति है,काम धंदे ठप्प हैं,लोगों की नौकरियां चली गईं,भविष्य अनिश्चित है,वेतन नही मिल रहा...इसके बावजूद देश मे शांति है...सिर्फ शांति ही नही है बल्कि देश अभी भी मोदी के साथ ही खड़ा है...!
लेकिन विपक्ष से ये शांति बर्दाश्त नही हो रही,ऐसे में जब लाखों प्रवासी श्रमिक lockdown तोड़ पैदल ही घरों को चल देते हैं तो विपक्ष की बाछें खिल जाती हैं,चलो कुछ तो अराजकता हुई...कुछ तो व्यवस्था भंग हुई...ऐसे में असंतोष पैदा करने के लिये ही ये Fake News चलाई जाती है कि ट्रेनें रास्ता भटक गयीं,सूरत से सीवान गाड़ी नो दिन में पहुंची...जबकि Chairman रेलवे बोर्ड ने बाकायदे Press कांफ्रेंस कर सभी आंकड़े प्रस्तुत कर स्पष्ट कर दिया कि न तो कोई ट्रेन असामान्य रूप से लेट हुई न रास्ता भटकी,congestion को देखते हुए श्रमिक स्पेशल के रूट ही इस ढंग से तय किये गए कि वो Destination पे जल्दी से जल्दी पहुंच सके पर एजेंडा बाज लोग इसे "ट्रेन भटक गईं" कह के अराजकता फैलाने से बाज नही आ रहे,जब आप ये प्रचार करेंगे कि जिस ट्रेन में तुम बैठे हो वो नो दिन में पहुंचेगी तो बैठने वाला परेशान क्यों न होगा...ऐसे में इन "प्रवासी गरीबों" ने स्टेशनों पे लूटपाट शुरू कर दी,अब यही अजेंडाबाज इस लूटपाट को ये कह के justify कर रहे हैं कि ट्रेन अगर इसी तरह रास्ता भटकेगी और नो दिन में पहुंचेगी तो यात्री तो स्टेशन पे लूटपाट करेगा ही...जबकि सच ये है कि ३५०० से ज़्यादा श्रमिक स्पेशल चलीं जिनमे ९०% एकदम सही समय से Right time पहुंची,सिर्फ दस % कुछ घंटे यानी २/४ या छह घंटे लेट हुई,रेलवे ने प्रत्येक बड़े स्टेशन पे सभी यात्रियों के लिए भोजन पानी और बच्चों के लिए दूध फल तक का इंतज़ाम किया है,मोदी को politically हराने में असफल विपक्ष चाहता है कि इस Corona महामारी और Lockdown में अराजकता फैले,Food Riots हों,पूरे देश मे लूटपाट हो,सड़कों पे खून बहे जिससे सरकार को घेरा जा सके...ये लक्ष्य Fake News द्वारा अफवाह फैला के ही हासिल किया जा सकता है...Fake News से सावधान रह सभी राष्ट्र वादियो से अपील करूँगा इन लिबर्ल्स लिब्रन्ड्डूओ को नँगा करते रहे...नही तो जब तक गुजरात दूसरे नंबर पर था तब तक खवीश कुमार रंडी tv वाले से लेकर सारे लिबरल्स लिब्रान्डु और वामपंथी कुत्ते दो दो बीघा का पोस्ट लिखा करते थे...अब गुजरात चौथे नंबर पर आ गया,दिल्ली तीसरे नंबर पर,तमिलनाडु दूसरे नंबर पर और महाराष्ट्र पहले नंबर पर है तो सारे सेकुलर सूअर और बड़े बड़े पत्रकार रेत में सर गड़ाए शुतुरमुर्ग बन गए है...कोई कुछ नही बोल रहा...और सुनो भांड मीडिया की...कि मात्र एक दिन में ही प्रिंट मीडिया को तीन करोड़ ८८ लाख के नरभक्षी गिद्ध का थोबड़ा विज्ञापन देकर कंजर मोहम्मद शाद ने इन भाँडो को पालतू कुत्ता बना दिया है...आज दिल्ली के सारे अखबार कंजर की फेकी हुई हड्डी व खाई हुई पूरी नमक की बोरी का कर्ज उतार रहे हैं...ताज़ा व गर्म गर्म खुलासा हुआ कि दिल्ली में १८०० लाशों का दाह संस्कार या कफ़न दफन कोविड १९ प्रोटोकॉल के तहत हुआ यानी उनके दाह संस्कार में उस पूरे प्रोटोकॉल को फॉलो किया गया जो किसी कोबिड से मृत हुए व्यक्ति का होता है...लेकिन कागजो में उन्हें डायबिटीज या किडनी या दूसरी बीमारी से मरा बता दिया गया था...दिल्ली में बेतहाशा कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं हर रोज सैकड़ों लोग मर रहे हैं...लेकिन दिल्ली के सभी भड़वे अखबार व भांड मीडिया श्री श्री मोहम्मद कंजरवाल शाद की भूरी भूरी प्रशंसा के कशीदे पढ़ने में डूबे हुए हैं...और हा ये गीत गाना बन्द करो अब "हस्ती मिटती नही हमारी"...
खाली गिनती के नाम के हम सो करोड़ हिन्दू...पचास करोड़ मुर्दे...चालीस करोड़ मुफ्तखोर दोगले बाकि बचे सिर्फ दस करोड़ सिरफिरे है और वो निहत्थे...इन दस करोड़ से कैसे पार लगेगी नैय्या...!!!