वसुंधरा तेरी खैर नही....क्या कहा था यही न ....क्या दिक्कत थी वसुंधरा से....कुछ नही बस सब कह रहे है तो हमे भी गरियाना है.....
आखिर 70 साल की भड़ास थी दबे कुचले होने की .....ऊपर से वो राजपरिवार की थी तो गरियाना बैसे भी अधिकार है......
हिन्दू अकेला ऐसा प्राणी है जो अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेता है.... दलालो की बातों में आकर हिन्दुओ की भीड़ भी चिल्लाने लगी कौवा कान ले गया....
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.अब वसुधरा को हटा के किसे लाये है जो रोज जिहादियों को प्रोत्साहन देती है क्या मेवात क्या जोधपुर क्या जयपुर
ये जोधपुर की घटना है जिसमे कुछ ठेले बाले को हटाने पर पुलिस पर शांतिदूत इतने हावी होगये की उनके हाथ पुलिस के चेहरे तक पहुंच गए वो भी बिना #ख़ौफ़ के
यही तो हिन्दुओ को चाहिए था जब तक उन्हें कोई प्रताड़ित न करे उनकी खुजली मिटती ही नही सैकड़ो साल की गुलामी की आदत है बही उन्हें पसंद आता है
अजय ध्यानी से सभार