टकला बाबा's Album: Wall Photos

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सुरेंद्रर भगत जी के पोस्ट से सभार

"दिल्ली देश के मुफ्त खोर वासियों अगर आपको कोरोना हो जाए तो घबराना मत,हमने कोरोना के खिलाफ न्यूज़ पेपर में बड़े बड़े थोबड़ा AD छपवा सारे टीवी चैनल्स पर चलवा दिए है,अगर कही से फिर भी बच निकले तो सोशल मीडिया और रेडियो पर भी चलवा दिए है...ये मेरी थूथड AD देखकर कोरोना खुद आत्महत्या कर लेगा" :-मोहम्मद कंजरवाल शाद(दिल्ली देश के मालिक)
विभिन्न समाचार पत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दोस्तो कोरोना के साथ साथ एक और गम्भीर खतरा मंडरा रहा है वो है "टिड्डी दल" ये खतरा भी मानव जाति की दुश्मन धरती मा पर कोढ़ की तरह पुराने "टिड्डी दल" की तरह ही है नही तो थोड़ा दिमाग के ढक्कन खोल देख ले...
अनियंत्रित प्रजनन दर,
हरे रंग की दीवानी,
रेगिस्तान इनका उत्पन्नी स्थान है,
टिड्डियों की सबसे खतरनाक प्रजाति होती है...रेगिस्तानी टिड्डी,
ये दिन में औसतन पांच बार उड़ती हैं,
ये सिर्फ विनाश करती हैं इनका निर्माण में कोई योगदान नहीं है,
शांतिदूत होने का दावा करती हैं क्योंकि आवाज सुनके उड़ जाती हैं,
ये जिस जगह पल भर के लिए भी बस जाएं उसी जगह को बर्बाद कर देती हैं...अर्थात,कृतघ्न होती हैं कहने का मतलब कि जिस जगह ने इनको आश्रय दिया ये उसी को बर्बाद कर देती हैं,
एक बार कायर की तरह भाग जाती हैं...परंतु मौका मिलते ही पुनः आक्रमण कर देती हैं,
चीन में घुसने की औकात नहीं है इनकी...इसीलिए उधर नहीं जाती,
DJ की आवाज सुनके भाग जाती हैं अर्थात...गीत भजन हराम है इनके लिए,
कोई थाली बजाता है तो भाग जाती हैं शायद थाली बजाने से इन्हें लगता है कि...वो मोदी भक्त है जो मोदीजी के कहने पर थाली बजा रहा है अर्थात मोदी की घोर विरोधी प्रतीत होती हैं,
वैज्ञानिक दृष्टिकोण की घनघोर कमी होती है..इसलिए किसी भी तेज आवाज को भूकंप के समान मानती हैं,
मादा टिड्डी कुछ ज्यादा ही ढंकी रखती है अपने आपको,
दारू के छिड़काव से भी नष्ट हो जाती हैं...अर्थात,इनके लिए दारू हराम है,
ये हमेशा ग्रुप में रहती हैं एवं ग्रुप में ही हमला करती है अर्थात,ये फट्टू प्रजाति की होती है...जिस कारण अकेले सोच ही इनकी फट जाती है शायद इसीलिए,
हमेशा ग्रुप में ही चलती है,टिड्डियों को लगता है कि अपने संख्या दम पर उत्पात मचाकर एक दिन पूरी दुनिया पर वे कब्जा कर लेंगी लेकिन...फिर भी ये उतनी खतरनाक नहीं है जितनी कि ये नकल करती हैं अर्थात ओरिजिनल प्रजाति से तुलना मत करिए ये उसकी अंश मात्र भी नहीं है...!
Disclaimer :- भारत एक कृषि प्रधान देश है...इसीलिए,अपने किसान भाइयों की जानकारी हेतु यह समसामयिक लेख/जानकारी दी गई है...और,अगर आपको किसी भी वर्ग,समुदाय,व्यक्ति,दल,धर्म,मजहब से इसका कोई संबंध लगता है तो बिल्कुल ठीक समझे...यही कहना चाहता था...ये वही थुककलो का कबीला है...किसी भी मजा हब से इसकी समानता महज एक संयोग नही बल्कि खुल कर समझाने की कोशिश की है...वैसे असली बात बताऊ दोस्तो कि मेरी किसी की भी भावना बेन को ठेस पहुँचाने की कोई मनसा नहीं है बल्कि मेरी असली मनसा तो जलालत की हद तक जलील करना है थूकल्लो को...!
दोस्तो हमारी चुप्पी ही हमारे देश के बटवारे की जिम्मेदार थी,अब भी हमारी चुप्पी ही जिम्मेदार है हमारे देश की हर समस्या का चाहे वो कश्मीर में भारत विरोधी हो,देश में जिहादी तत्व हो,आतंकी तत्व हो,भारत विरोधी तत्व हो,सेक्युलर आतंकी हो सब की जिम्मेदार है हिन्दू समाज की चुप्पी...अगर सांप के फ़न उठाने से पहले या उठाते ही उसे कुचल दें तो कभी अपने जहर से वो आपको नहीं मार सकता पर जब आप ही निष्क्रिय है...तो आप और आपके पुरे परिवार की जान खतरे में है और उसके लिए वो सांप नहीं मुख्य जिम्मेदार आप स्वयं है...!
अब हम आपको समझाने के लिए कितना लिखें,थक जाते है,फिर भी उम्मीद आ जाती है कि नहीं,थक मत,ये लोग जागेंगे कभी न कभी इसलिए फिर नई पोस्ट लेकर आ जाता हु,ये पोस्ट भी शेयर कीजिये,ताकि देश को जागरूकता मिल सके अन्यथा ये देश पहले भी तोड़ा जा चूका है फिर नौबत आ जायेगी,कृपया इस बचे कूचे देश को बचा लीजिये...!
दिल्ली का हाल बेहाल,बाहर निकलो तो कोरोना,घर मे बैठो तो भूकंप और ज़रा सी खिड़की खोल के झांक लो तो टिड्डियाँ,
टीवी चलाओ तो मनहूस कंजर...!!!