अगर आपको वास्तविक आश्चर्य देखना है तो वामपंथी इतिहासकारों की किताबों को बंद कीजिए और आंखे खोल लीजिये ।
ना कोई क्रेन,ना कम्यूटर प्रोग्रामिंग और ना ही आधुनिक टेक्नोलॉजी ..फिर भी हमारे पूर्वजों ने 15वीं शताब्दी में 100 फिट से भी अधिक ऊंचाई पर ऐसी नक्काशियों को अंजाम दिया ।