हजारो वर्ष पूर्व बने मंदिर में यह पत्थरो को गोदकर की गई कलाकारी देखें ।। लेकिन हमारे पाठ्यक्रम में इसे कभी शामिल नही किया गया, भारत को ऐसे दिखाया गया , की जैसे यहां जो कुछ बना, इस्लाम के आने के बाद ही बना ।
भगवान शिव माता पार्वती के साथ ऐसे लग रहे है, जैसे यह पत्थर पर की गई कलाकारी नही, बल्कि भगवान खुद ही बैठे है।