यह मूर्ति नागरकोइल और कन्याकुमारी के बीच स्थित है । शुचीन्द्रम मंदिर में , हजारो वर्ष प्राचीन यह मूर्ति है, लेकिन इंजीनियरिंग का कमाल देखिये मात्र 0.5 MM की छड़ ही इस मूर्ति के कान के आर पार हो सकता है, इतनी विशाल मूर्ति में इतना बारीक छेद करना, यह कैसे संभव हुआ ??