टकला बाबा's Album: Wall Photos

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हम तुम्हे कैसे माफ कर दे ??

यह गुजरात का रुद्र महालया मन्दिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है ।। 943 ईस्वी में यह मंदिर बनना शुरू हुआ, ओर 1140 ईस्वी में बनकर पूरा हुआ, यानी इस मंदिर को बनाने में पीढिया लग गयी ।। इस मंदिर के हाल में तीन मंजिला इमारत थी, 12 प्रवेश द्वार थे, ओर ग्यारह मंदिर थे ...

पहले तो इस मंदिर को अल्लाउद्दीन खिलजी में तौड़ा, उससे यह मंदिर टूटा नही, तो उसका बचा हुआ काम गुजरात के सुल्तान अहमदशाह प्रथम ने पूरा किया ।। तौड़ा फोड़ा बाद में इसे जामा मस्जिद बनाया ।। इसी #अहमदशाह के नाम पर आज गुजरात का बड़ा शहर है, जिसका नाम है, #अहमदाबाद भारत की 1000 वर्षो की गुलामी का चमचमाता प्रतीक, जिन पशुओं ने इस देश के साथ ऐसा अन्याय किया, उनके नामो पर आज तक छोटे मोटे गांव तो छोड़िए, शहर है ।।

मैं यह भी जानता हूँ, लोग आएंगे, इस पोस्ट को पढ़कर चले जाएंगे ... वह इतना भी प्रयास नही करेंगे, की कम से कम आगे की पीढ़ी को तो इन पशुओं के इतिहास से अवगत करवाये, जो आज भी बड़ी शान से कहते है, भारत मे विकाश मुसलमान शासकों के आने के बाद हुआ ... यहां की स्थापत्य कला हमारी देन है ..