टकला बाबा's Album: Wall Photos

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ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पुर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ।।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।।

यह ॐकार स्वरूप ब्रह्म पूर्ण है। उसके अधिष्ठान पर स्थिर यह विश्व भी पूर्ण है, पूर्ण विश्व कि निर्मिती पूर्ण ब्रह्म से ही होती हैं। पूर्ण से पूर्ण निकाला तो भी पूर्ण ही बचता है।