टकला बाबा's Album: Wall Photos

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सुरेन्द्र जीका लेख..
सन १९३६ में एडविना मॉन्टबेटन ईराक की यात्रा पर गयी ईराक में एक गिरगिट उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने उसे खरीद लिया और उसे प्यार से गांधी नाम दिया मजे की बात ये है कि एडविना ने अपने अंतरंग मित्र जवाहरलाल नेहरू से भी इस बात को नहीं छुपाया और नेहरू ने भी कभी इस पर आपत्ति प्रकट नहीं की अगर कभी आप स्वतंत्रता आंदोलन के समय का इतिहास खंगालेंगे तो पाएंगे कि एडविना ने कभी भी गांधी का सम्मान नहीं किया गांधी के पाखण्ड को एडविना ने प्रथम बार में ही पहचान लिया था...!
ब्रिटेन के एक मशहूर लेखक थे सलमान रुश्दी उसने अपने कुत्ते का नाम जवाहरलाल रखा ये समाचार लन्दन से होते होते पूरी दुनिया में फ़ैल गया कांग्रेसियों को ये सुनकर बड़ा बुरा लगा और उन्होंने तो पहले कुत्ते का नाम बदलने के लिए सलमान रुश्दी पर दबाव बनाया और जब सलमान रुश्दी दबाव में भी नहीं आये तो उन्हें धमकियां दी जाने लगीं इस पर भी सलमान रुश्दी ने कुत्ते का नाम नहीं बदला सलमान रुश्दी की भारत से कोई दुश्मनी भी नहीं थी पर जवाहरलाल नेहरू के नाम से उन्हें इतनी नफरत क्यों थी...?
इसे आज तक कोई जान नहीं सका...?
सुनाई दे रहा है कि कांग्रेसियों को राहुल गांधी का पप्पू सम्बोधन भी बड़ा अपमानजनक लगता है और वो जुकरबर्ग से ऐसे लोगों की आईडी बन्द कराने की मांग करने वाले है जो सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को पप्पू लिखते हैं...!
इस समय जो कुछ हड्डियां फेंकी गई हैं और जिसे चबा चबाकर कुछ लोग भौक रहें हैं, उस पर भी चर्चा बहुत जरुरी है...!
पहली हड्डी :- प्रधानमंत्री के विमान की तलाशी लेने पर एक आईपीएस सस्पेंड...?
जबकि सत्य यह है की SPG सुरक्षाप्राप्त व्यक्ति के काफिले में ऐसे ही कोई नहीं घुस सकता यहां तक की जो कमांडो सुरक्षा में होते हैं उनकी तक की प्रति माह मानसिक जांच की जाती है और यह नियम विरुद्ध सीधे प्रधानमंत्री के विमान में घुस गया तब इसकी बर्खास्तगी स्वयं चुनाव आयोग ने की है PM पद की गरिमा को नियम के विपरीत जाकर क्यों भंग किया गया...?
दूसरी हड्डी :- सुषमा स्वराज ने कहा है की बालाकोट एअर स्ट्राइक में एक भी पाकिस्तानी नागरिक और सैनिक नहीं मारे गये हैं...?
इस बयान में सुषमा स्वराज ने यह कहा है की यह स्ट्राइक पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों को मारने के लिए किया गया था न की आम नागरिकों और सैनिकों को यह हमला इतना सटीक था की आम पाकिस्तानी नागरिक और सैनिक इसमें नहीं मारे गये बल्कि केवल आतंकी मरे हैं...!
तीसरी हड्डी :- हेमंत करकरे शहीद है और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने उसका अपमान किया है...?
सत्य यह है की २६/११ की घटना में तुकाराम आम्बले शहीद हुए थे उन्होंने शत्रुओं की गोली की परवाह न करते हुए आतंकी अजमल कसाब को जिन्दा पकङा जबकि हेमन्त करकरे बिना किसी प्रयास के बिना एक गोली चलाए आम नागरिक की तरह मारा गया हालांकि वो उस वक्त ड्यूटी पर थे और उसके मरने के बाद दिग्विजय सिंह ने खुद बताया की वह दिग्विजय को अवैध तरीके से रिपोर्ट करता था...!
चौथी हड्डी :- जेट एअरवेज के डूबने से कितने हिन्दु कितने मुसलमान तबाह हुए
तो सुनो, जेट एअरवेज प्राईवेट कम्पनी है चाहे वह डूबे या उङे इसमें सरकार का कोई लेना देना नहीं होना चाहिये यह मनमोहन की सरकार नहीं है जो हर डुबते कम्पनी को बेलआऊट पैकेज के नाम पर जनता के हजारों करोङ उपहार में देगी...!!!