टकला बाबा's Album: Wall Photos

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#शिवमयसोमवार ॐ जय शिव ओंकारा
*यह वह प्रसिद्ध आरती है जो देश भर में शिव-भक्त नियमित गाते हैं..*

*लेकिन, बहुत कम लोगों का ही ध्यान इस तथ्य पर जाता है कि... इस आरती के पदों में )*
*ब्रह्मा -विष्णु-महेश तीनों की स्तुति है..*

*एकानन (एकमुखी, विष्णु), चतुरानन (चतुर्मुखी ब्रह्मा)) और पंचानन (पंचमुखी, शिव) राजे..*

*हंसासन(ब्रह्मा)) गरुड़ासन(विष्णु ) वृषवाहन (शिव) साजे..*

*दो भुज (विष्णु),*
*चार चतुर्भुज(ब्रह्मा)), दसभुज (शिव) अति सोहे..*

*अक्षमाला (रुद्राक्ष माला, ब्रह्मा) ), वनमाला (विष्णु ) रुण्डमाला (शिव) धारी..*

*चंदन (ब्रह्मा) ), मृगमद (कस्तूरी विष्णु ), चंदा (शिव) भाले शुभकारी (मस्तक पर शोभा पाते हैं)..*

*श्वेताम्बर (सफेदवस्त्र, ब्रह्मा)) पीताम्बर (पीले वस्त्र, विष्णु) बाघाम्बर (बाघ चर्म ,शिव) अंगे..*

*ब्रह्मादिक (ब्राह्मण, ब्रह्मा) सनकादिक (सनक आदि, विष्णु ) प्रेतादिक (शिव ) संगे (साथ रहते हैं)..*

*कर के मध्य कमंडल (ब्रह्मा), चक्र (विष्णु), त्रिशूल (शिव) धर्ता..*

*जगकर्ता (ब्रह्मा)) जगहर्ता (शिव ) जग पालनकर्ता (विष्णु)..*

*ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका (अविवेकी लोग इन तीनों को अलग अलग जानते हैं।)*

*प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका*

*(सृष्टि के निर्माण के मूल ऊँकार नाद में ये तीनों एक रूप रहते हैं... आगे सृष्टि-निर्माण, सृष्टि-पालन और संहार हेतु त्रिदेव का रूप लेते हैं.*

*संभवतः इसी त्रि-देव रुप के लिए वेदों में ओंकार नाद को ओ३म् के रुप में प्रकट किया गया है ।