राघवेन्द्र कुमार पटेल's Album: Wall Photos

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#कल्प_विग्राह
(वो मूर्ति जिसमें पूरी दुनिया का इतिहास बदल दिया)
पूरा पढ़ें वर्ना वंचित रह जायेंगे ।
-------------------------------------ये भगवान शिव की मूर्ति नहीं है ये भगवान विष्णु जी की मूर्ति है ।---------------
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इस को कल्प विग्राह (Kalpa Vigraha) कहते हैं ये #26450_ईसा_पूर्व की श्री विष्णु जी की मूर्ति है, ये मूर्ति 1959 में नेपाल के Lo Manthang इलाके में एक बोद्ध भिक्षु को मिली, 47 ग्राम वजनी ये मूर्ति एक लकड़ी के बॉक्स में थी, कुछ ही समय में वहां अमेरिका से C I _A के कमांडो आये और मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया।
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बक्से को अपने कब्जे में ले कर उस पर लेबल लगाया गया “ST Circus Mustang-0183” फिर इस को C I,. A ने अमेरिकन आर्मी बेस कैंप Hale , near Vail , Colarado में रखा, बॉक्स में से मूर्ति के साथ एक प्राचीन पांडुलिपि (manuscript) भी मिली।
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मूर्ति 5.3 cm लम्बी और लगभग 4.7 cm चोडी है, वजन 47 ग्राम, जिस बॉक्स में मूर्ति रखी गई थी वो भी विशेष धातु और लकड़ी का बना था। मूर्ति के नीचे शिव पर्वती जी की अकर्ति भी है। इन सब की कार्बन डेटिंग करने पर ये 26450 ईसा पूर्व की बताई गयी।
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इस पुरे प्लान में सीआईए के निदेशक जॉन मैककन व्यक्तिगत रूप से शामिल थे।
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बाइबल में बिग बैंग को 4004 ईसा पूर्व बताया गया है इस ही हिसाब से अंग्रेजो ने मिस्र के पिरामिड मेसोपोटामियन आदि की भी उम्र भी उस समय के आस पास तय कर दी, भारत के लिए मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सिन्धु सभ्यता जैसी नकली सभ्यता बनाई, केवल अपने 4004 ईसा पूर्व को सच साबित करने के लिए। लेकिन जब 33 हज़ार साल, 26 हज़ार साल पुरानी मूर्ति मिलती हैं तो इन की सब थ्योरी गलत हो जाती है।
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इस मूर्ति के साथ पांडुलिपि का मिलना जिस में इस मूर्ति की उपयोगिता, इस का इस्तेमाल और इस का नाम भी लिखा है, इस मूर्ति का नाम का अनुवाद किया गया तो ये "कलपा महा-आयुष रसयान विग्रा" मिला, सीआईए ने इस का नाम "कालपा विग्राहा" रखा।
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बोद्ध भिक्षु ने सीआईए को यह भी बताया कि अगर यह मूर्ति किसी तांबे के लोटे में पानी भर कर 9 दिन तक रखा जाये तो इस मूर्ति से पानी चार्ज हो जाता है। ये पानी पीने वाले की उम्र बहुत ज्यादा हो जाती है। सीआईए ने इस विधि को किया और पानी को अलग अलग प्रयोगशालाओं में भेजा गया, और सब प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट सीधे सीआईए निदेशक, जॉन मैककॉन को भेजे गए ।
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इस के बाद सीआईए ने एक टीम तैयार की (#Watering_Team) जिन को ये पानी पीने को दिया गया। 1960 के आस पास ये प्रयोग किया गया। आज सब टीम के मेम्बर अपने पर पोतो के साथ हंसी ख़ुशी जीवन बिता रहे हैं, कल्प विग्रह के प्रयोग वाले सब कम से कम 110 वर्ष की आयु के पास हैं, कुछ नामो को छोड़ दिया जाये तो सब स्वस्थ और दीर्ध आयु वाले हैं, और जो मर गए उन में रूथ गोलोन्का, एक कार दुर्घटना से मर गई, विली ली मॉर्गन की हत्या कर दी गई थी। स्टीवन मार्टिन और बर्ट जेनकींस वियतनाम में मृत्यु हुयी थी ।
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इन ही सदस्यों ने दुनिया को ये भी बताया की कल्प विग्रह 1996 में अपनी पाण्डुलिपि के साथ चोरी हो गयी सीआईए के पास से अमेरिका के आर्मी कैंप से। बहुत खोज हुयी हजारो लोगो से पूछताछ की गयी सरकारी, सेना के ऑफिसर से मगर मूर्ति नहीं मिली। लाखो डालर का इनाम भी रखा गया है । बहुत लोगो की हत्या भी हुयी है जिस में microbiology वाले अधिक हैं।

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अब आते हैं मुख्य बात पर विष्णु जी की मूर्ति है :- मूर्ति के हाथ में सुदर्शन चक्र, विष्णु जी के चार हाथों में से एक में शंख, एक में कमल, एक में गदा रहते हैं।
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सुदर्शन चक्र भगवान शिव जी ने विष्णु जी को दिया था विष्णु जी की भक्ति से प्रसन्न हो कर।
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विष्णु जी को संरक्षक के रूप में पूजा जाता है इस ब्रह्मांड के संरक्षक, ये एक परमाणु से ले कर ब्रह्मांड तक सब को बैलंस करते हैं, असुर हो या कीटाणु या आप के विचार सब की शुद्धी विष्णु जी करते हैं। इन बुरइयो को खतम करने के लिए विष्णु जी एक बार कैलाश पर्वत गए शिव जी से शक्ति मांगने। तब #चीन_से_वीजा_नहीं लेना पड़ता था अब शायद केदारनाथ, अमरनाथ के लिए भी लेना पड़े !
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विष्णु जी ने शिव जी के नामो का जाप करना शुरू किया हजारो कमल के फूल अर्पित किये, कई मंत्रों का जप किया, कई दिनों तक ये क्रम चलता रहा।
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एक दिन भगवान शिव ने उन हजारो कमल के फूलो में से एक फुल उठा लिया, जब विष्णु जी को अहसाह हुआ की एक फूल कम है तो उन्होंने अपनी एक आंख निकाल कर वहां रख दी, शिवजी प्रसन्न हो कर विष्णु जी के सामने उपस्थित हुए और उन्हें सुदर्शन चक्र के भेंट किया।
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सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल बहुत ही कम हुआ है ये अंतिम उपाय के तोर पर इस्तेमाल होता है । ऋग्वेद, यजुर्वेद और पुराणों में लिखा है की ये कानून, व्यवस्था और संरक्षण के लिए और दुश्मन को खत्म करने के लिए अंतिम हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
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अब वापस चलते हैं कल्प विग्रह "कलपा महा-आयुष रसयान विग्रा" सीआईए अमेरिका :- ताम्बे के लोटे में पानी पीना ये परम्परा तो सदियों से चली आ रही है उस लोटे में चांदी या सोने का सिक्का रख कर, पानी को रात भर रख कर सुबह खाली पेट पीने से बहुत लाभ होता है ये हर कोई जनता हैं तो ये सीआईए क्यूँ इतने करोडो डॉलर खर्च कर रहा था ? असल मे वो मूर्ति विष्णु भगवान की थी और उन के हाथ में सुदर्शन चक्र है और एक पाण्डुलिपि। ✍️