रावण का पुतला तो जलाया,
जला ना मन का रावण
व्यर्थ है सब कुछ बना नहीं जो,
जीवन निर्मल पावन
तभी दशहरा है गर मन का,
रावण मार गिराओ
मर्यादा में रह कर अपने,
सारे फ़र्ज़ निभाओ
राम वाली भावना को पहले,
तुम अपनाओ.....
धर्म की अधर्म पर विजय....
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ