आज के हीरो कुम्भकर्ण रहे।हम खाने पीने और सोने को लेकर इनको ट्रोल कर सकते पर आज इनकी स्पीच ने दिल जीत लिया।रावण को सत्य का ज्ञान करवाना हो या विभीषण से वार्तालाप...सचमुच कमाल।बंदा ज्ञानी था पर अहंकारी नही।
रावण :: श्री मत कहो उसे!
कुम्भकर्ण : भैया, आंख बंद कर लेने से सूर्य का प्रकाश लुप्त नही हो जाता। जो तीनों लोकों के स्वामी हो, स्वयं श्रीमन नारायण हो,उन्हें श्रीराम ही कहा जाएगा।