अभी कुछ वक्त पहले ही तो पता चला था मुझे ये नया सा शब्द "हाई-ग्रेड न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर" .मेरे लिए एकदम नया नाम. डॉक्टर प्रयोग करते रहे , इलाज करते रहे, लंदन अमेरिका और मुंबई, मैं इस नयी बीमारी के प्रयोग का हिस्सा बन गया था. डॉक्टर्स ने तो सांत्वाना भी दी थी कि मैं ठीक हो जाऊंगा, मैं वापस लौट भी आया था,
मैं तो एक तेज़ रफ़्तार दौड़ती ट्रेन पर सवार था, जहां मेरे सपने थे, प्लान थे, महत्वकांक्षाएं थीं, उद्देश्य था , मैं पूरी तरह से व्यस्त था. … और तभी, अचानक किसी ने मेरे कंधे को थपथपाया, मैंने मुड़कर देखा. तो वह उस ट्रेन का टीसी था, उसने कहा, ‘आपकी मंजिल आ गई है, उतर जाइए.’
मैं हक्का-बक्का सा, जैसे झटका लगा हो। सोचने लगा ‘ मेरी मंजिल आ गई है